india pak power 1745489575460 1746818240338.png

Why did India stay away from IMF voting the real reason for not voting against Pakistan came to light IMF की वोटिंग से दूर क्यों रहा भारत, पाक के खिलाफ वोट न देने की सामने आई असल वजह, India News in Hindi


आईएमएफ की वोटिंग में भारत ने दूरी बना कर अपनी नाराजगी को पूरी दुनिया के सामने दर्ज जरूर कराया है। भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान को फिर से बेलआउट मिलता है तो वह फिर से सीमा पार आतंकवाद फलने-फूलने में मदद करेगा।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मंच से पाकिस्तान को सीधी आर्थिक मदद देने के खिलाफ अपने विरोध को बेहद सोच-समझकर दर्ज कराया है। आईएमएफ की हालिया वोटिंग में जब पाकिस्तान को एक और कर्ज देने की मंजूरी पर चर्चा हुई, तो भारत ने इसमें हिस्सा लेते हुए ‘अब्सटेन’ यानी वोटिंग से दूरी बनाने का फैसला किया। क्योंकि आईएमएफ की प्रक्रिया में ‘ना’ कहने की कोई सुविधा नहीं होती। भारत ने ऐसा रुख क्यों अपनाया आइए जानते हैं…

आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड में 25 निदेशक होते हैं जो दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां फैसले ज्यादातर ‘सम्मति’ यानी कंसेंसस से लिए जाते हैं, लेकिन अगर वोटिंग की नौबत आती है, तो कोई देश ‘विरोध’ में वोट नहीं कर सकता या तो समर्थन या फिर अब्सटेन की इजाजत होती है। ऐसे में भारत ने अपने विरोध को दिखाने के लिए वही रास्ता चुना जो इस संस्था में उपलब्ध था।

भारत ने दुनिया के सामने खोली पाक की पोल

भारत की नाराजगी तीन स्तर पर जाहिर हुई। पहला, भारत ने पाकिस्तान के बार-बार आईएमएफ से कर्ज लेने पर सवाल उठाया। उसने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले 35 सालों में 28 बार आईएमएफ से मदद ली है, जिसमें से सिर्फ पिछले 5 साल में ही चार बार कर्ज लिया गया, मगर कोई स्थायी आर्थिक सुधार जमीन पर नहीं दिखा।

दूसरा, भारत ने इस बात पर चिंता जताई कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सेना का दखल बहुत ज्यादा है। इससे पारदर्शिता और जन प्रतिनिधित्व वाला नियंत्रण पूरी तरह गायब हो जाता है। आईएमएफ जैसे संस्थानों का पैसा जब फौजी दखल वाले सिस्टम में जाता है, तो सुधार की उम्मीद बेमानी हो जाती है।

तीसरा और सबसे अहम भारत ने साफ तौर पर कहा कि वह उस देश को मदद दिए जाने का विरोध करता है जो सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देता है। भारत ने चेताया कि इससे आईएमएफ जैसी वैश्विक संस्थाओं की साख पर भी असर पड़ेगा और यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।

ये भी पढ़ें:पाक पर बड़ी आर्थिक चोट की तैयारी, IMF के बेलआउट पैकेज पर मतदान से दूर रहा भारत
ये भी पढ़ें:वॉशिंगटन में आज होगा पाक पर बड़ा फैसला, कर्ज पर IMF की मीटिंग; विरोध में भारत
ये भी पढ़ें:बेहाल पाकिस्तान को कंगाल करेगा भारत, IMF वाली अरबों की मदद रुकवाने की तैयारी

आईएमएफ में भारत ने किया दिया संदेश

भारत का अब्सटेन कोई चुप्पी नहीं थी, बल्कि वो विरोध था, जो नियमों की सीमा में रहकर भी पूरी मजबूती से दर्ज कराया गया। पाकिस्तान को चाहे इस बार भी कर्ज मिल जाए, लेकिन भारत ने यह दुनिया को याद दिला दिया कि आतंक और अस्थिरता फैलाने वालों को बार-बार बेलआउट देना अब चलने वाला नहीं है।

Shopping Cart
Scroll to Top