भारतीय सेना ने Operation sindoor के दौरान पहली बार अपने दुश्मन को निशाना बनाने के लिए बड़े पैमाने पर लड़ाकू जहाजों के साथ मिलिटरी ड्रोन का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत करने के लिए हारोप ड्रोन का इस्तेमाल हुआ। यह ड्रोन इजरायली कंपनी बनाती है। हारोप को दुश्मन के हवाई सुरक्षा और महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए जाना जाता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने Operation sindoor के तहत पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए सिर्फ लड़ाकू जहाजों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि ड्रोन के जरिए भी वहां प्रहार किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें हारोप ड्रोन का सबसे अधिक इस्तेमाल हुआ। यह ड्रोन इजरायली कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज बनाती है। आइए इस ड्रोन की खासियत और इसकी कीमत के बारे में जानते हैं।
हारोप ड्रोन एक लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम है, जिसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के एमबीटी मिसाइल डिवीजन ने विकसित किया है। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की वेबसाइट पर मौजूद जानकारियों के मुताबिक, लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम को युद्ध के मैदान पर मंडराने और ऑपरेटर के आदेश पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।हारोप को विशेष रूप से दुश्मन के हवाई सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों का शिकार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और मिसाइल की खूबियों का मिश्रण है, जो एक हवाई दूरी का हथियार है जो स्व-चालित उड़ान में सक्षम है।
यह ड्रोन पूरी तरह से ऑटोमैटिक चलाया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर मैन्युअल रूप से भी संचालित किया जा सकता है। यदि इसका कोई टार्गेट नहीं है तो यह खुद वापस बेस पर लौट सकता है। हारोप को ट्रक या जहाज पर लगे कनस्तर से भी लॉन्च किया जा सकता है, या हवाई लॉन्च के लिए तैयार किया जा सकता है।
कितनी है हारोप ड्रोन की कीमत?
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने हारोप ड्रोन की कीमत को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, डिफेंस पर नजर रखने वाली संस्थाओं का अनुमान है कि एक हारोप ड्रोन की कीमत 7 लाख डॉलर यानी करीब 6 करोड़ रुपए होती है। इसे कमांड सेंटर से संचालित किया जा सकता है।
देश-दुनिया की हर ताज़ा खबर और सटीक जानकारी, हर पल आपके मोबाइल पर! अभी डाउनलोड करें- जागरण ऐप