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Lucknow – Exclusive – Prashant Singh – Interview of Prashant who got AIR 102 rank in UPSC – said for me discipline more important than motivation, gave answer on tech talk and passed UPSC exam | UPSC रैंकर प्रशांत ने बहन के साथ तैयार की थी: बोले- दीदी सिलेक्ट नहीं हुईं; मुझे चौथे अटेंप्ट में सक्सेस मिली, डाउनफॉल भी देखा – Lucknow News


‘एक बार, दूसरी बार, तीसरी बार, लगातार असफल हो रहा था। हिम्मत टूट गई थी। परिवार ने मोटिवेट किया। कहा कि तुम्हें जितने पॉसिबल अटेंप्ट हैं, सबमें कोशिश करनी है। इस मोटिवेशन से मुझे बल मिला। दीदी भी मेरे साथ तैयारी कर रही हैं। वह इस बार भी सिलेक्ट नहीं ह

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यह कहना है UPSC 2024 में 102वीं रैंक पाने वाले लखनऊ के प्रशांत सिंह का। प्रशांत को चौथे प्रयास में यह सफलता मिली। उनका कहना है कि इस एग्जाम को क्रैक करने के लिए मोटिवेशन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही डिसिप्लिन भी। इसी के बल पर कामयाबी मिली।

दैनिक भास्कर को प्रशांत ने अपने मेहनत, डाउनफॉल और सफलता की कहानी बताई। पढ़िए रिपोर्ट…।

अपने परिवार के साथ प्रशांत सिंह।

अपने परिवार के साथ प्रशांत सिंह।

सवाल : रिजल्ट आने के बाद आपका पहला रिएक्शन क्या है?

जवाब : बहुत अच्छा फील हो रहा है। पूरी फैमिली खुश है। बहुत स्ट्रगल देखे हैं। अब फाइनली चौथे प्रयास में सफल रहा।

सवाल : कितनी मेहनत है, आपने कितने साल तैयारी की थी?

जवाब : 2020 से तैयारी शुरू कर दी थी। 2021 में पहला अटेंप्ट दिया था। लगातार चार अटेंप्ट दिए। कह सकते हैं कि 5 साल से तैयारी कर रहे थे।

सवाल : कभी आपको यह लगा कि अब कोई और ऑप्शन देखना चाहिए?

जवाब : जब नहीं हो रहा था तब कुछ समय के लिए लगा कि कुछ और ऑप्शन भी देखना चाहिए। मेरे अटेंप्ट बाकी थे। परिवार ने मोटिवेट किया कि जब तक सभी अटेंप्ट खत्म न हो जाएं, तब तक और ट्राई करो।

सवाल : आपके लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन क्या था?

जवाब : मेरे लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन पब्लिक सर्विस रहा। जीवन में इसी मकसद को लेकर आगे बढ़ना था। इसलिए ये प्रोफेशन चुना। हालांकि, इसका बीज बहुत पहले ही बोया जा चुका था। परिवार और रिश्तेदारी में ज्यादातर लोग गवर्नमेंट सेक्टर में रहे। इससे भी इस ओर रुझान बढ़ा।

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सवाल : चौथे प्रयास में सफलता, बड़ी बात है, मोटिवेशन के अलावा और क्या अहम था?

जवाब : मोटिवेशन से ज्यादा मेरे लिए महत्वपूर्ण डिसिप्लिन था। शुरुआत से ही इसका जिंदगी में पालन किया। यदि पढ़ाई करनी है तो करनी है। नियमित पढ़ाई करने के लिए मोटिवेशन को लेकर कोई चैलेंज इसलिए भी नहीं था कि घर में माता-पिता थे। कभी डिमोटिवेट फील होने नहीं देते थे।

सवाल : रोजाना कितने घंटे पढ़ाई की?

जवाब : शुरुआत के दो अटेंप्ट में कई घंटे पढ़ाई की। लगातार पढ़ाई होती थी। बाद के अटेंप्ट में कुछ घंटे काम हो गए थे। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि एवरेज 6 से 8 घंटे की रोज पढ़ाई होती थी।

सवाल : ब्रेक के दौरान क्या करते थे?

जवाब : ब्रेक के दौरान गाने सुन लेते थे। थोड़ा-बहुत घूम टहल लेते थे। बातचीत कर लेते थे। सिलेबस के अलावा किताबें पढ़ लिया जाता था। दिल्ली में थे तो दोस्तों से मिलते थे।

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थिति आवास में माता-पिता और परिजनों के साथ प्रशांत सिंह।

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थिति आवास में माता-पिता और परिजनों के साथ प्रशांत सिंह।

सवाल : पिछले साल जब इंटरव्यू देने के बाद भी नहीं हुआ, तब कैसा फील हुआ? आगे क्या लक्ष्य बनाया?

जवाब : पिछले साल अप्रैल 16 के करीब रिजल्ट आया था। रिजल्ट आने के बाद दो दिन लगा यह तय करने में की आगे क्या करना है। एक बार फिर प्रीलिम्स देना था बहुत ज्यादा समय नहीं था। इसलिए फिर से तैयारी में जुट गया।

सवाल : आपका इंटरव्यू कब हुआ, कितने देर चला और कैसे सवाल पूछे गए?

जवाब : मेरा इंटरव्यू 24 जनवरी को हुआ था। संजय वर्मा सर का बोर्ड था। आमतौर पर जितनी देर सबका इंटरव्यू होता है। उतनी ही देर करीब 30 मिनट तक मेरा इंटरव्यू चला। मेरे बैचलर्स, मास्टर्स और यूजीसी नेट में पॉलिटिकल साइंस सब्जेक्ट था।

उसी को ऑप्शनल में रखा था। उससे जुड़े सवाल इंटरव्यू में पूछे गए थे। 90% इस पर जुड़े सवाल थे। रूस यूक्रेन वॉर, इजराइल हमास युद्ध, आर्टिकल 370, क्रिमिनलाइजेशन ऑफ पॉलिटिक्स पर बेस सवाल थे।

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सवाल : आपकी स्कूलिंग लखनऊ से ही हुई, इस सफलता में आपकी स्कूल एजुकेशन का क्या कुछ हाथ रहा?

जवाब : मैंने 12 तक की पढ़ाई लखनऊ में रह कर की। CMS की सेक्टर-O अलीगंज ब्रांच में पढ़ा। वहां अच्छा एक्सपोजर मिला।

सवाल : सिविल सेवा की तैयारी में कोचिंग का कितना महत्व है?

जवाब : GS के लिए तो कोई कोचिंग नहीं की। ऑप्शनल के लिए जब कॉलेज में था तब पॉलिटिकल साइंस की कोचिंग की थी। इसके अलावा प्रीलिम्स के लिए कोई कोचिंग या टेस्ट सीरीज नहीं ली। मेंस एग्जाम के लिए 1 साल की टेस्ट सीरीज ली थी।

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