दिल्ली के आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी इमारत पर लगे सायरन का परीक्षण विफल रहा। युद्ध जैसी स्थिति में चेतावनी के लिए लगाए गए इस सायरन की आवाज ध्वनि प्रदूषण के कारण एक-डेढ़ किमी से आगे नहीं पहुंची जबकि इसकी क्षमता आठ किमी तक थी। लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद थे। अब अधिक तीव्रता वाले सायरन लगाने पर विचार किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। युद्ध जैसे हालात में पाकिस्तान की ओर से हमलों की आशंका को देखते हुए आईटीओ स्थिति पीडब्ल्यूडी इमारत की छत पर सायरन का परीक्षण हुआ, लेकिन ध्वनि प्रदूषण के आगे वह फेल साबित हुआ। आठ किमी क्षेत्र तक सचेत करने की क्षमता वाली इस सायरन की आवाज एक से डेढ़ किमी दूर तक भी नहीं पहुंची।
(1).jpg)
जगह-जगह लगाए जाएंगे सायरन
स्थानीय लोगों के अनुसार, इसकी आवाज काफी कम है। वहीं, जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आस-पास ध्वनि प्रदूषण अधिक है। इसलिए आवाज अधिक दूरी तक यात्रा नहीं कर सकी। अब इससे अधिक तीव्रता का सायरन लगाने या एक से अधिक संख्या में सायरन लगाने पर विचार किया जा रहा है।
यह सायरन इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि आपात स्थिति में लोगों को चेतावनी दी जा सके और समय रहते वह सुरक्षित स्थानों पर जाकर अपना बचाव कर सके। दिल्लीभर में इस तरह जगह-जगह सायरन लगाए जाएंगे, जिसके लिए एक केंद्रीय कमांड सेंटर से नियंत्रित किया जाएगा और इनका संचालन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधीन होगा। आईटीओ पर सायरन बजाने के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए सिविल डिफेंस के जवान भी तैनात रहे।
राजेंद्र नगर में हुई मॉक ड्रिल
पाकिस्तान के हवाई हमले के साथ ही दिल्ली में आतंकी हमले को लेकर भी सतर्कता व जागरूकता बढ़ाई जा रही है। इस क्रम में नई दिल्ली में कार्यालयों के प्रमुख क्षेत्र राजेंद्र नगर में मॉक ड्रिल हुई। यह राजेंद्र प्लेस इमारत में हुई। जिसमें आतंकी हमले को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया।पुलिस को सूचना मिली थी कि तीन आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया है। आतंकियों के हमले में कुछ लोग घायल भी हो गए हैं। यह माक ड्रिल सवा तीन बजे शुरू हुई, जो करीब एक घंटे तक चली। इसमें तीनों आतंकियों को जिंदा पकड़ लिया गया।