हमीरपुर8 घंटे पहले
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सोफिया की बहादुरी पर हमीरपुर में उनकी मौसी जन्नतुन खातून ने खुशी जताई।
TV पर सोफिया को ऑपरेशन सिंदूर की कमान संभालते देखा तो खुशी के आंसू छलक पड़े। बेटी की बहादुरी देखकर गर्व महसूस हो रहा है। हमें उस पर फख्र है। सोफिया ने न सिर्फ देश, बल्कि पूरे महिला समाज और मुस्लिम समाज का सिर ऊंचा कर दिया है। सोफिया ने बता दिया कि हमारी बेटियां सिर्फ चूल्हा-चौका नहीं, अब बॉर्डर भी संभाल रही हैं।
ये बातें ऑपरेशन सिंदूर का चेहरा बनीं कर्नल सोफिया कुरैशी की 82 साल की मौसी जन्नतुन खातून ने कही। हमीरपुर की रहने वाली जन्नतुन से मीडिया ने पाकिस्तान पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा- बार बार एयर स्ट्राइक करने की बजाय एक बार में ही पूरे पाकिस्तान का सफाया कर देना चाहिए।

मौसी जन्नतुन और मौसेरा भाई मोहम्मद अशरफ कर्नल सोनिया की बहादुरी से बेहद खुश हैं।
बचपन से सेना में जाना चाहती थी सोनिया जन्नतुन खातून ने बताया- उनकी बहन हलीमा की जुड़वां बेटियां सोफिया और सायना हैं। सोफिया बचपन से ही अनुशासित, तेज-तर्रार और देशभक्ति से भरी हुई थी। पढ़ाई में अव्वल और आत्मविश्वासी सोफिया ने बचपन में ही सेना में जाने का सपना देखा था।
सोफिया की मां हलीमा की शादी मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नौगवां में हुई थी। पिता ताज मोहम्मद भी सेना में कार्यरत थे। घर का माहौल ही ऐसा था कि राष्ट्रसेवा का जज्बा सोफिया के भीतर गहराई तक समा गया। देशसेवा का संस्कार सोफिया को विरासत में मिली है।

हमीरपुर में बेटे मोहम्मद अशरफ संग कपड़े की दुकान चलाती हैं जन्नतुन खातून।
सोफिया ने दिखाया बेटियां क्या कर सकती हैं- भाई मोहम्मद अशरफ कर्नल सोफिया के मौसेरे भाई मोहम्मद अशरफ ने कहा- आज हमारा सिर गर्व से ऊंचा है। सोफिया ने न सिर्फ पाकिस्तान को जवाब दिया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि हमारी बेटियां हर मोर्चे पर दुश्मन को पछाड़ सकती हैं।

हमीरपुर में अपने बेटे-बहू के साथ रहती हैं जन्नतुन खातून।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। भारत ने 7 मई को पहलगाम हमले का बदला लिया। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की। 9 टारगेट पर 24 मिसाइलें दागकर 100 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा किया। इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसे कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नेतृत्व में अंजाम दिया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात की रहने वाली हैं, लेकिन उनका यूपी से भी खास कनेक्शन है। झांसी के सदर बाजार स्थित भट्टागांव में उनकी चचेरी बहन शबाना रहती हैं। जबकि हमीरपुर के किंग रोड पर उनकी बड़ी मौसी जन्नतुन खातून अपने बेटे मोहम्मद अशरफ और बहू के साथ रहती हैं।
जानें कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी…
कर्नल सोफिया आर्मी कम्युनिकेशन एक्सपर्ट हैं और सिग्नल कोर में सर्विस देती हैं। वे पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज का नेतृत्व किया था। वह कई साल तक यूनाइटेड नेशंस की पीस-मेकिंग एक्सरसाइज का हिस्सा रही हैं।

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‘मुझे अपनी खाला पर प्राउड है। जो लोग कहते हैं कि हर मुसलमान आतंकवादी है। हर मुसलमान बुरा नहीं है, यह उन्होंने साबित किया। मैं उनके जैसा ही बनना चाहती हूं। मेरे पिताजी भी उनके जैसा बनने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। उनकी फोटो-वीडियो हमें दिखाते हैं।’ यह कहना है ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं कर्नल सोफिया कुरैशी की भतीजी जोया कुरैशी का। पढ़ें पूरी खबर…