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अलवर की बाबा केदारनाथ धाम सेवा समिति की ने केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को के निशुल्क रुकने और खाने के लिए शिविर लगाया है। यह शिविर 23 अक्टूबर तक चलेगा केदारनाथ के कपाट 2 मई को खुल गए थे। गुरुवार तक 7 दिनों में अलवर जिले के 2 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए हैं। केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद होंगे। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा शुरू हो गई थी। चारधाम यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। 22 मार्च से ऑनलाइन और 28 अप्रैल से ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
वेबसाइट registrationandtouri stcare.uk.gov.in व वाट्सएप नंबर 8394833833 के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। केदारनाथ धाम में दिन का तापमान 5 से 6 डिग्री और रात का तापमान माइनस 2 से 3 डिग्री के बीच रहता है। केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सर्दी से बचाव के लिए गर्म व ऊनी कपड़े ले जाने चाहिए। पहला रास्ता: हरिद्वार तक ट्रेन से, इससे आगे ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड तक टैक्सी से पहुंचा सकता है। गौरीकुंड से ट्रैक के माध्यम से केदारनाथ धाम पहुंचा जा सकता है। दूसरा रास्ता: हरिद्वार से गौरीकुंड तक टैक्सी से पहुंचा सकता है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक खच्चर की सवारी करके पहुंचा जा सकता है। बाबा केदारनाथ धाम सेवा समिति अलवर के प्रधान सेवादार मनीष गुप्ता ने बताया कि समिति की ओर से केदारनाथ मंदिर से 50 कदम दूर हंस कुंड के सामने शिविर लगाया गया है। 2 मई से प्रारंभ हुए शिविर का समापन 23 अक्टूबर को होगा। शिविर में 100 लोगों के लिए निशुल्क रहने की व्यवस्था की गई।
इस शिविर में रुकने वालों को निशुल्क ही रजाई और गद्दे उपलब्ध कराए जाते हैं। शिविर में रुकने के लिए अलवर और राजस्थान के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके लिए उनके पास फोटोयुक्त परिचय पत्र होना आवश्यक है। इसके अलावा केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारा भी किया जा रहा है। भंडारे में प्रतिदिन 5 से 6 हजार श्रद्धालु प्रसादी पाते हैं। ये रहते है नाश्ते व भोजन की व्यवस्था : सुबह 6 से 8.30 बजे तक चाय और बिस्कुट, सुबह 8.30 से दोपहर 3 बजे तक व शाम 6 से रात 8 बजे तक भंडारा होता है। इसके अलावा वहां श्रद्धालुओं के रुकने स्थानीय लोगों की ओर से टेंट भी लगाए गए हैं। वहां लगे एक टेंट में 4 से 12 लोगों की ठहरने की व्यवस्था है। टेंट वालों की ओर से 1 व्यक्ति से 400 से 1000 रुपए रुकने का किराया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड प्रशासन के अनुसार 7 दिन में केदारनाथ धाम में 1.50 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। इनमें अलवर जिले के 2 हजार श्रद्धालु शामिल हैं।