World Worst Song Ever: जब भी हम उदास होते हैं या खुश होते हैं, शादी या पार्टी में होते हैं, कोई सेलिब्रेशन या फेस्टिवल मना रहे होते हैं तो सबसे पहले हमारे कानों में गानों के ही आवाज सुनाई देती है. ज्यादातर लोग म्यूजिक में डूबे रहते हैं. गानों में भी सबकी अलग-अलग पसंद होती है. किसी को पुराने और शांत म्यूजिक वाले गाने पसंद होते हैं तो किसी को पॉप धूम धड़ाके वाले गाने पसंद होते हैं. लेकिन अगर किसी गाने को सुनने के बाद आपको खुद की जान लेने का मन करने लगे तो क्या हो. जी हां, ऐसा भी एक गाना है, जिसने दर्जनों लोगों की जान ले ली थी.
दुनिया का सबसे मनहूस गाना
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दुनिया में बहुत से लोग गाने सुनना पसंद करते हैं. कोई अपना मूड ठीक करने के लिए गाना सुनता है, तो कोई अपने जज्बातों को जाहिर करने के लिए. प्यार, गम, खुशी या फिर शादी-पार्टी जैसे हर मौके के लिए अलग-अलग गाने होते हैं. हर भाषा में अलग-अलग भावनाओं को दिखाने या बयां करने वाले गाने बनते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ऐसे किसी गाने के बारे में सुना है, जो लोगों की जान लेता हो या जिसे सुनने के बाद लोगों ने अपनी जान दे दी हो? ये सुनकर शायद यकीन न हो, मगर ये एक दम सच है.
90 साल पहले आया था गाना
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साल 1933 में हंगरी के एक संगीतकार रेजसो सेरेस ने एक गाना लिखा था, जिसका नाम था ‘ग्लूमी संडे’. ये गाना उन्होंने तब लिखा था, जब उनकी गर्लफ्रेंड उन्हें छोड़ कर चली गई थी. गाने के बोल इतने उदासी भरे थे कि जिसने भी इस गाने को सुना, वो गहरे दुख में डूब गया. बताया जाता है कि ये गाना इतना सैड था कि कुछ लोगों ने इसे सुनकर आत्महत्या तक करने लगे थे. यही वजह थी कि इसका नाम ‘हंगेरियन सुसाइड सॉन्ग’ पड़ गया. शुरुआत में कई लोगों ने इस गाने को रिकॉर्ड करने से इनकार कर दिया था.
गाने ने ले ली थी 100 लोगों की जान
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हालांकि, बाद में 1935 में ये गाना रिकॉर्ड होकर रिलीज किया गया. जिसने आते ही लोगों के बीच मौत का खेल शुरू कर दिया. गाने के आते ही हंगरी में आत्महत्याओं की संख्या अचानक बढ़ने लगी. कई मामलों में लोगों के पास ये गाना बजता मिला या उनके सुसाइड नोट में गाने का जिक्र था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में करीब 17 लोग इस गाने की वजह से जान दे चुके थे. बाद में ये संख्या 100 के करीब पहुंच गई. हालात इतने बिगड़ गए कि साल 1941 में सरकार को ये गाना बैन करना पड़ा.
62 साल बाद हटा दिया गया था बैन
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करीब 62 साल बाद, यानी साल 2003 में इस गाने से बैन हटा दिया गया. मगर तब तक इस गाने की वजह से कई जिंदगियां खत्म हो चुकी थीं. रेजसो सेरेस की प्रेमिका ने भी इसी गाने को सुनने के बाद खुदकुशी कर ली थी. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि रेजसो सेरेस ने भी अपनी मौत के लिए उसी दिन को चुना, जिस दिन का जिक्र गाने में था यानी रविवार. पहले उन्होंने खिड़की से कूदकर जान देने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल में जाकर तार से गला घोंटकर खुद को मार लिया था.
क्यों करने लगे थे लोग आत्महत्या?
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बताया जाता है कि इस गाने के बोल इतने दुख भरे थे कि इसमें मौत को सुकून और जिंदगी को तकलीफ बताया गया था. सिंगर की आवाज में भी इतना दर्द था कि सुनने वाला टूट जाता था. इसके बावजूद, ये गाना 28 भाषाओं में 100 से ज्यादा सिंगर्स ने गाया. इनमें सबसे ज्यादा मशहूर वर्जन अंग्रेजी में बिली हॉलिडे के गाया गया था, जिसे बाद में इसको बैन कर दिया गया. इस गाने की कहानी पर आधारित फिल्म ‘ग्लूमी संडे’ साल 1999 में हंगरी और जर्मनी में रिलीज हुई, जो इसकी डरावनी सच्चाई और अधूरी मोहब्बत को दिखाती है.
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