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मधुबनी में अचानक अंग्रेजी में क्यों बोलने लगे पीएम मोदी, आतंकवाद पर पूरी दुनिया को दिया क्लियर मैसेज – PM Narendra Modi rare switch to English at rally in Madhubani to convey the message on terror ntcpan


पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पहली बार किसी जनसभा को संबोधित किया. बिहार के मधुबनी में पीएम मोदी पहलगाम हमले पर बोल रहे थे लेकिन उन्होंने बीच में अचानक अंग्रेजी में अपना संबोधन शुरू कर दिया. आमतौर पर ऐसा कम होता है जब पीएम मोदी देश में किसी रैली के दौरान अंग्रेजी में भाषण दें, विदेश दौरे या विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ साझा बयान में वह अंग्रेजी में संबोधन देते हैं. लेकिन बिहार की धरती पर ऐसा करना सामान्य नहीं था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिंदी का इस्तेमाल किया है, लेकिन उन्होंने बिहार में बोलते हुए अंग्रेजी में बात की ताकि दुनिया आतंकवाद के खिलाफ उनके सख्त संदेश का एक-एक शब्द समझ सके. मधुबनी जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत पहलगाम में हमला करने वाले हर आतंकी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उन्हें कड़ी सजा देकर रहेगा.

मधुबनी से दुनिया को दिया मैसेज 

पीएम मोदी पहले हिंदी में भाषण दे रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने अंग्रेजी में बात की और हर शब्द पर जोर देते हुए कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों के नरसंहार के दोषियों को सजा देने के भारत के संकल्प को जाहिर किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अंग्रेजी में बोलते हुए कहा, ‘आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं (I say to the whole world), भारत हर आतंकी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उन्हें खोजेगा और उन्हें सजा देगा. हम उन्हें धरती के किसी भी कोने तक खदेड़ेंगे.’

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प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी में कहा, ‘आतंकी वारदातों से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी, आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा. न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर मुमिकन कोशिश की जाएगी, पूरा देश इस संकल्प पर अडिग है.’ बिहार का मधुबनी ऐसी जगह है, जहां लोग मुख्य रूप से मैथिली और हिंदी भाषा बोलते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने अपना संदेश दुनिया तक साफ शब्दों में पहुंचाने के लिए अंग्रेजी का सहारा लिया. 

ग्लोबल ऑडियंस को किया संबोधित

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को हुए हमले के बाद दुनियाभर से आईं वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रिया को स्वीकार करते हुए कहा, ‘मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति हमारे साथ है. मैं उन देशों के लोगों और नेताओं का आभार जताता हूं जो हमारे साथ खड़े हैं.’ हालांकि पीएम मोदी की ओर से दिया हिंदी का संबोधन ही आतंकियों को सख्त संदेश देने के लिए काफी था, फिर उन्होंने ग्लोबल ऑडियंस को संबोधित करके यह सुनिश्चित किया कि दुनिया इस बात पर ध्यान दे.

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संदेश देने के लिए अंग्रेजी का इस्तेमाल किया है. भारत में भाषण देते समय वे अंग्रेजी और हिंदी का इस्तेमाल करते रहते हैं. खासकर जब वे अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित करते हैं या वैश्विक दर्शकों को कोई मैसेज देते हैं. जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कैनबरा में संसद को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया की मजबूत साझेदारी के लिए अपने विजन को साफ करने के लिए अंग्रेजी में भाषण दिया. उन्होंने अपने भाषण के दौरान साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर जोर दिया.

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हाल ही में, सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में अंग्रेजी में अपना भाषण दिया. अपने भाषण में भारतीय प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसी वैश्विक चुनौतियों पर फोकस किया. जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अंग्रेजी में भाषण दिए हैं, उसी तरह उन्हें विदेशी धरती पर हिंदी में भाषण देने का भी गर्व है.

संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में दिया था भाषणा

साल 2014 में मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सेशन को संबोधित करते हुए हिंदी में बात की थी, जो बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शेकदम पर था. साल 1977 में भारत के विदेश मंत्री के रूप में वाजपेयी ने हिंदी में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले पहले व्यक्ति बनकर इतिहास रच दिया था. बाद में 1988 में तत्कालीन विदेश मंत्री पीवी नरसिम्हा राव, जो 17 भाषाओं में पारंगत थे, ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था.

सिर्फ़ हिंदी ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी देश भर के लोगों से जुड़ने के लिए भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में भी बोलने की कोशिश करते रहे हैं. मलयालम और उड़िया से लेकर बंगाली और तमिल तक, वह अक्सर चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में स्थानीय मुहावरों का भी इस्तेमाल करते हैं. मधुबनी में अंग्रेजी में भाषण देकर प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकवाद पर भारत का संदेश उसकी सीमाओं से परे तक पहुंचे. इसी वजह से उन्होंने पूरी सावधानी के साथ भाषा का चुनाव किया और पूरी दुनिया ने भी निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ उनका सख्त संदेश को सुना होगा.

पीएम मोदी ने कहा क्या?

आतंकवाद पर सख्त संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है. इसके बाद पीएम ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं, जिन्होंने यह हमला किया, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को, उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी, सजा मिलकर के रहेगी.’ 

पीएम मोदी ने कहा कि अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है, 140 करोड़ भारतीयों की इच्छा शक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी. इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में अपने बयान को दोहराया और पूरी दुनिया को मैसेज देते हुए कहा कि भारत आतंकियों की पहचान कर हर एक आतंकी और उनके आकाओं को सजा देकर रहेगा.

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